खंडवा और बुरहानपुर में मार्कफेड अब तक परिवहनकर्ता तक तय नहीं कर पाया है। इससे किसानों का भुगतान भी अटक जाएगा। खंडवा जिले में 53 केंद्रों पर 50 हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है। बुरहानपुर जिले में 27 अप्रैल से 1306.75 क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी हैं। -
खंडवा और बुरहानपुर में मार्कफेड अब तक परिवहनकर्ता तक तय नहीं कर पाया है। इससे किसानों का भुगतान भी अटक जाएगा। खंडवा जिले में 53 केंद्रों पर 50 हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है। बुरहानपुर जिले में 27 अप्रैल से 1306.75 क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी हैं।
इस बार 130 लाख टन खरीदी का लक्ष्य, विभाग का दावा- तैयारी पूरी, निजी गोदामों से करार किया
इस बार गोदामों के पास ही एक हजार खरीदी केंद्र बनाए, केंद्र नहीं उठा रहा सरप्लस गेहूं
खंडवा में परिवहनकर्ता तय नहीं, खंडवा में खुले में पड़ा 50 हजार क्विंटल गेहूं
मप्र में गेहूं की खरीदी शुरू हो गई है और इस बार 130 लाख टन खरीदी का लक्ष्य है, जिसे लेकर विभाग सकते में है। इसके पीछे वजह है, साठ लाख टन (छह करोड़ क्विंटल) पुराना गेहूं, जो अभी भी गोदामों में रखा हुआ है। राज्य सरकार के प्रयासों के बाद भी केंद्र सरकार ने पुराने या सरप्लस (2019-20 का) गेहूं का उठाव नहीं किया। ऐसे हालात में नया गेहूं फिर खुले स्थान पर कैप में रखना पड़ सकता है।
हालांकि विभाग दावा कर रहा है कि उसने तैयारी कर ली है। ज्यादा से ज्यादा निजी गोदामों को अनुबंधित किया गया है। इस बीच जो पुराना गेहूं गोदामों में रखा है, उसकी कीमत ही 13 हजार 200 करोड़ के करीब है। साफ है कि यह राशि तब तक उलझी रहेगी, जब तक केंद्र सरकार उसे नहीं लेती। क्योंकि सरप्लस गेहूं को लेने के बाद ही मप्र को केंद्र से गोदामों में रखे गेहूं का क्लेम मिलेगा। सभी तरह के खर्चे मिलाकर पुराने गेहूं की प्रति क्विंटल 2200 रुपए लागत मप्र को पड़ रही है।
इसलिए आ रही दिक्कत
केंद्र सरकार ने ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (ओएमएसएस) लागू की है, लेकिन 2018-19 में इसमें बदलाव कर दिया गया कि जितना खर्च आता है, उतने ही दाम पर खुले बाजार में अनाज बेचा जाएगा। पूर्व में औसत निकालकर ही खुले बाजार में बेच दिया जाता था।
गोदामों पर ही 1103 खरीद केंद्र
इस बार 4200 से अधिक खरीद केंद्र रखे गए हैं। इसमें से 1103 गोदामों के पास हैं। मंडी में 244, सायलो के पास 143 और प्राथमिक साख सहकारी समिति में 2616 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक साठ हजार किसानों को गेहूं खरीदी के एसएमएस जारी किए जा चुके हैं।
उठाव के प्रयास कर रहे हैं
^‘पुराना गेहूं है। यह प्रयास हो रहे हैं कि उसका उठाव हो जाए, लेकिन हमने नए गेहूं के हिसाब से भंडारण की व्यवस्था बना ली है।’
फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव, खाद्य
कहां क्या स्थिति...
दमोह : खरीदी केंद्र निर्धारित नहीं
जिले में अभी तक खरीदी केंद्र निर्धारित न होने की वजह से अब 4 अप्रैल से खरीदी होगी। दमोह में इस बार 29 महिला स्वसहायता समूहों को खरीदी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन इन समूहों द्वारा अब तक अपने दस्तावेज आपूर्ति विभाग को प्रस्तुत नहीं किए गए।
रतलाम : 32 किमी दूर बनाए केंद्र
जिले के 67 केंद्रों पर खरीद हो रही है। 25 किमी से ज्यादा की दूरी पर खरीदी केंद्र नहीं होना चाहिए। लेकिन रतलाम में कई केंद्र तो ऐसे बना दिए है जिनकी दूरी 32 किमी से ज्यादा है। इससे किसानों को आने जाने में परेशानी हो रही है।
गुना : केंद्र पर पानी की व्यवस्था नहीं
आरोन, बमोरी, कुंभराज और गुना केंद्रों पर छाया और पानी तक के इंतजाम नहीं थे। कुंभराज के बडोद गांव में तो केंद्र ही बंद था। राजगढ़ में बारदाने के अभाव में 70 केंद्रों पर दोपहर बाद खरीदी शुरू हो सकी रायसेन जिले में 6 किसानों ने 53 क्विंटल गेहूं की तुलाई करवाई है। कई केंद्रों पर ताले लगे रहे।