प्रस्ताव निरस्त:धान की नमी दूर करने व 400 करोड़ बचाने का प्रस्ताव खारिज; सीएम बोले - ऐसा कोई आदेश हरगिज न निकले
भोपालएक दिन पहले
प्रतीकात्मक फोटो
धान की खरीदी में राज्य सरकार के 300 से 400 करोड़ रुपए तक बचाने के एक प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिरे से खारिज कर दिया। इतना ही नहीं, नोटशीट पर यहां तक लिख दिया कि-‘ऐसा कोई आदेश हरगिज नहीं निकलना चाहिए।’ यह प्रस्ताव खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई की ओर से रखा गया था। यहां बता दें कि राज्य सरकार हर साल करीब 9 से 10 हजार करोड़ रुपए मूल्य की धान खरीदी करती है।
बताया जा रहा है कि पंजाब सरकार ने 2016 में एक आदेश निकाला, जिसमें यह उल्लेख किया कि रात में किसान धान को बोरियों में भरता है, इससे नमी बन जाती है। धान को दिन में भरने से वजन में करीब 2 से 3 फीसदी का फर्क आ जाता है। साथ ही नमी से धान की गुणवत्ता भी खराब होने का खतरा रहता है। इसी आदेश को आधार बनाकर खाद्य विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया। शनिवार को खाद्य विभाग के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव लाया गया, जिसे देखते ही मुख्यमंत्री ने न केवल मना किया, बल्कि प्रस्ताव की नोटशीट पर यह भी लिखा कि यह ध्यान रखा जाए कि ऐसा कोई आदेश हरगिज न निकले।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि चुनाव के दौरान यदि ऐसा कोई आदेश निकलता तो असर सही नहीं पड़ेगा।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक केएस नेताम से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि धान कटाई के बाद किसान उसे जमीन पर सुखाते हैं। यह पूरी तरह सूख जाता है तो तब इसे वे बोरियों में भरते हैं, लेकिन रात में इसे भरने से नमी बन जाती है। इस सीजन में ओस सर्वाधिक होती है। दिनभर धान सूखे और उसे शाम को भर दिया जाए तो वह ठीक रहती है। रात में बोरियों में भरा जाए तो धान की गुणवत्ता तो प्रभावित होती है, वजन पर भी फर्क पड़ता है। किसान आशीष चौधरी का भी कहना है कि वे खुद कोशिश करते हैं कि नमी न रहे।