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समर्थन मूल्य:पहले दिन केंद्रों पर एक भी किसान नहीं पहुंचा कारण 2-3 क्विंटल वालों को किए मैसेज

www.bhasker.com | 28-Mar-2021
चना खरीदी की दो बार तारीख टलने के बाद आखिरकार शनिवार से जिले में समर्थन मूल्य खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन पहले दिन जिले भर के चना खरीदी केंद्रों पर कोई किसान अपना चना लेकर ही नहीं आया, जबकि 90 फीसदी चना की कटाई हो चुकी है। जब खरीदी केंद्रों पर किसानों के नहीं पहुंचने के कारणों का पता लगाने का प्रयास ...

newsचना खरीदी की दो बार तारीख टलने के बाद आखिरकार शनिवार से जिले में समर्थन मूल्य खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन पहले दिन जिले भर के चना खरीदी केंद्रों पर कोई किसान अपना चना लेकर ही नहीं आया, जबकि 90 फीसदी चना की कटाई हो चुकी है। जब खरीदी केंद्रों पर किसानों के नहीं पहुंचने के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया तो कई चौकाने वाली बातें सामने आईं है। जिन किसानों को एसएमएस भेजे गए है, उनमें से कई किसान ऐसे है, जिन्होंने खेत में चना बोया ही नहीं है।

इसके अलावा एक से चार क्विंटल उत्पादन वाले किसानों को चना लेकर खरीदी केंद्र पर आने के लिए कहा गया है, इन किसानों की मुसीबत यह है कि वे 10 से 15 किमी दूर इतना कम चना लेकर कैसे पहुंचे। जबकि खरीदी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि होली पर्व के चलते किसान चना बेचने नहीं आए है। जिले में चना खरीदी के लिए 45 केंद्रों में 37 गोडाउन स्तर पर और 8 केंद्र जिले की अलग-अलग कृषि उपज मंडियों वाले है। इन सभी केंद्रों पर चना बेचने के लिए 38 हजार 820 किसान और 10 हजार 596 किसानों ने मसूर बेचने के लिए पंजीयन कराया है। जिले भर में करीब 80 हजार टन चना खरीदी करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले भर के खरीदी केंद्रों पर शनिवार से खरीदी करने के लिए कांटों की पूजा कर शुभारंभ कर दिया गया है, लेकिन इन केंद्रों पर दिन भर कर्मचारी किसानों का इंतजार करते रहे, परंतु कोई भी किसान चना लेकर नहीं आया।

किसान बोले- हमने चना बोया नहीं तो पंजीयन क्यों कराएंगे
खरीदी केंद्र बम्होरी पर चना बेचने के लिए जिन 10 किसानों को एसएमएस भेजे गए थे, जब उनकी हकीकत जानने के लिए किसानों का फोन लगाकर नहीं आने का कारण पूछा तो कुरावद के किसान तेज सिंह ने बताया कि उसकी मां कृष्णा बाई के नाम से खाता है, उसने 20 एकड़ में सिर्फ गेहूं बोया है, चना नहीं लगाया है, उसका नाम सूची में कैसे आया है, यह उसे पता नहीं है। बहेडिया के किसान तेज सिंह ने बताया कि उसने चना बेचने का पंजीयन ही नहीं कराया, क्योंकि उसने तो सिर्फ एक पसेरी चना सिर्फ घर खर्च के लिए बोया था, जब उसे बेचना ही नहीं है तो पंजीयन करवाने का सवाल ही नहीं उठता।
किसानों की पीड़ा: 25 किमी दूर से 2 क्विं. चना कैसे लाएं
बामनोद के किसान उधम सिंह ने बताया कि एक एकड़ में सिर्फ चार क्विंटल ही चना निकला है, वह इतने कम चना को 25 किमी दूर रायसेन के खरीदी केंद्र पर कैसे पहुंचे। जब गांव से किसी बड़े किसान की ट्राली रायसेन जाएगी तो वे उसमें अपना चना रखकर ले जाएंगे। तब कहीं जाकर उसका चना बिक पाएगा। वहीं संग्रामपुर के किसान किशोर सिंह ने बताया कि उसके यहां भी मात्र चार क्विंटल चना निकला था, जिससे उसने रायसेन में जाकर फैरी वालों को 4800 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेच दिया है। उसने यह भी बताया कि उसे किसी प्रकार का एसएमएस नहीं मिला है।

तैयारी पूरी पर नहीं आए किसान, पसरा रहा सन्नाटा
बेगमगंज| शनिवार से चना, मसूर एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो गई है। पहले दिन केंद्र का शुभारंभ विधिवत रूप से किया गया, लेकिन कोई भी किसान एक भी केंद्र पर अपनी उपज लेकर नहीं पहुंचा। सहायक आपूर्ति अधिकारी जीएस रघुवंशी ने बताया कि तहसील के 5806 किसानों ने चना, मसूर और सरसों बेचने के लिए पंजीयन कराया है। बेगमगंज तहसील के तीन खरीदी केंद्रों सरकारी संस्था मर्यादित चंदोरिया, सुनेहरा का केंद्र फतेहपुर रोड स्थित दर्शन वेयरहाउस पर रखा गया है, जबकि भूरेरू सोसाइटी का केंद्र सागर रोड स्थित रामा वेयर हाउस पर रखा गया है। जिला सहकारी बैंक मर्यादित शाखा प्रबंधक योगेश सोनी का कहना है कि कोरोना गाइड लाइन को देखते हुए 10-10 लघु एवं सीमांत कृषकों को एसएमएस भेजे गए हैं, सबसे पहले उनकी तुलाई की जाएगी।
केंद्रों पर खरीदी की कर ली है व्यवस्था
^जिले भर में 45 केंद्रों पर चना और मसूर की खरीदी शनिवार से प्रारंभ हो गई है, लेकिन होली पर्व के चलते पहले दिन किसान अपना चना लेकर नहीं आए है । होली के बाद खरीदी में तेजी आ जाएगी । किसानों को एसएमएस भेजकर उन्हें अपना चना और मसूर लाने के लिए कहा जा रहा है।