जिले में चना खरीदी में देरी होने से किसान परेशान थे। इसकी तारीख पहले शासन ने 15 मार्च की थी। इसके बाद बढ़ाकर 22 मार्च कर दी गई। लेकिन बारिश को देखते हुए 22 मार्च से खरीदी शुरू नहीं हो पाई। अब तीसरे बार 27 मार्च घोषित की। इस दिन जिले के सभी 45 खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर किसान अपने चने की उपज बेच पाएंगे। प्रत्येक खरीदी केंद्र से संबंधित 10-10 किसानों को पहले दिन के लिए एनआईसी से मैसेज भी भेज दिए गए हैं। जिन किसानों को मैसेज मिल चुके हैं वे किसान अपने पंजीयन का दस्तावेज लेकर खरीदी केंद्र पर चने के तुलाई करा सकते हैं। हालांकि, पहले राउंड में लघु एवं सीमांत किसानों को ही चने तुलवाने को मौका दिया जा रहा है। इसके बाद फिर बड़े किसानों के चने की तुलाई शुरू हो पाएगी। इन केंद्रों पर चने की तुलाई कराने पर किसानों को एमएसपी यानि की 5100 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल पाएगा। जिले में एमएसपी पर चना बचने के लिए 39 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीयन कराया है।
किसानों को फायदा: मिलेगा समर्थन मूल्य
सरकारी स्तर पर चना खरीदी का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। ऐसा इसलिए की खरीदी शुरु होने के पहले तक किसान कृषि उपज मंडियों में आकर चना बेच रहे थे। यहां एमएसपी भी नहीं मिल पा रही थी। चने के लिए 5100 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर एमएसपी तय है। जबकि कृषि उपज मंडियों में 4500 से 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक ही चने का रेट किसानों को मिल पा रहा था। इस तरह से किसानों को वहां चने की नीलामी कराने से 400 से लेकर 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान उठाना पड़ रहा था।
37 वेयर हाउस और 8 कृषि उपज मंडियों में होगी चने की खरीदी
जिले में चना खरीदी के लिए 45 केंद्र बनाए गए हैं। परिवहन मे समस्या न आए इसलिए अधिकतर केंद्र गोडाउन में ही बनाए गए हैं। 45 में से 37 गोडाउन स्तर पर और 8 केंद्र जिले की अलग-अलग कृषि उपज मंडियों में बनाए गए हैं।
चना खराब न हो इसलिए कवर्ड गोडाउन की व्यवस्था
इस बार चना खरीदी केंद्र खुले में नहीं बनाए जा रहे है। इससे तुलाई के दौरान और तुलाई के बाद खरीदी गया चना खराब न हो। इसके लिए अलावा परिवहन के लिए भी अधिक परेशान होना पड़े। इसको लेकर समिति द्वारा गोडाउन स्तर पर ही चने की खरीदी की जाएगी। वहां 25-25 गठानें बारदानें उपलब्ध करा दिए गए हैं। इससे तय तारीख में वहां बिना किसी परेशानी के चना और मसूर की खरीदी की जा सके। इसके लिए जिले के 37 वेयर हाउस और 8 कृषि उपज मंडी में चना खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जहां एमएसपी पर चना और मसूर की खरीदी की जाएगी।
फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू)
कंटेंट प्रतिशत
1 विजातीय तत्व 10
2 उपज के अलावा अन्य के दाने 3.0
3 क्षतिग्रस्त दानें 3.0
4 आंशिक क्षतिग्रस्त 4.0
5 अपरिपक्व दाने 6.0
6 उपज के अलावा दूसरे दाने 2.0
7 घुना हुआ दाना 4.0
8 नमी 14.0
गेहूं के लिए 165 केंद्र
जिले में एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए किसानों ने 89 हजार से अधिक पंजीयन कराए हैं। इन किसानों से गेहूं की खरीदी जिले में 1 अप्रैल से की जाएगी। इसके लिए जिले में केंद्र बनाने का काम शुरु हो गया। जो कलेक्टर के अनुमोदन के बाद तय हो जाएंगे। बीते साल जिले में 157 केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की गई थी। इस बार केंद्रों की 165 होने की संभावना है।
27 से खरीदी के लिए मैसेज भेजे गए हैं
^जिले में समर्थन मूल्य पर 45 केंद्रों पर 27 मार्च से चने की तुलाई शुरू हो जाएगी। अभी 10-10 किसानों को इसके लिए मैसेज भेजे गए हैं। गेहूं की खरीदी कवर्ड गोडाउन में ही होगी। वहां आवश्यक व्यवस्थाएं कराई गईं हैं।
-एनपी सुमन, उप संचालक कृषि,
खरीदी के लिए नहीं मिले स्व सहायता समूह
इस बार नई गाइड लाइन में महिलाओं के स्व सहायता समूहों के माध्यम से भी चने की खरीदी कराई जाना थी, लेकिन जिले में इस स्तर के समूह नहीं मिल पाए। कृषि उप संचालक एनपी सुमन के मुताबिक उन्होंने प्रयास किया लेकिन नहीं मिले।