निजी करण के विरोध का असर शहर और जिलों की बैंकों में भी देखा गया। सभी नेशनलाइज बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहने से काम-काज ठप रहा । कुछ बैंकों के गेट भी नहीं खुले तो वहीं कुछ बैंकों में अकेले शाखा प्रबंधक ही अपने चेंबर में बैठे रहे। इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों को बैंक कर्मचारियों द्वारा की जा रही दो दिन की हड़ताल के बारे में पता नहीं था। सोमवार को एसबीआई पहुंचे किसान रामसिंह ने बताया कि उन्हें पता नहीं था कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल है।
मंगलवार को भी इसी तरह बैंकों में काम नहीं हो पाएंगे । एटीएम से मिलता रहेगा पैसा : बैंक प्रबंधकों द्वारा बताया गया कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से पहले जैसा असर देखने को नहीं मिलता। सुविधाएं मिल जाने से लोगों के काम चलते रहते हैं।