तेज हवा के साथ शाम 7 बजे के बाद बारिश फिर कहीं-कहीं ओले गिरे
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जिले भर का मौसम फिर बिगड़ गया है। शुक्रवार की सुबह जिले भर में कई स्थानों पर तेज हवा के साथ हल्की बारिश हुई है तो कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई है। मौसम के इस बदलाव ने किसानों की नींद उड़ा दी है, क्योंकि इस समय गेहूं की फसल पक कर तैयार हो गई है और कई स्थानों पर तो कटना भी शुरू हो गई है।
सुबह के समय तेज हवा के साथ हुई हल्की बारिश से फसलें आड़ी हो गई है। किसानों की माने तो पक चुकी फसल पर यह पानी लगने से अब उसकी चमक कम हो जाएगी, जिससे उसके अच्छे दाम मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। वैसे भी इस साल बार-बार मौसम बदलने और समय से पहले गर्मी पड़ने से उत्पादन उत्पादन 20 से 25 फीसदी कम हो रहा है।
अब बारिश होने से बची फसल में भी नुकसान की स्थिति बन रही है। इस स्थिति से बचने के लिए किसान फसलों को जल्दबाजी में कटवा रहे हैं। इसके लिए वे हार्वेस्टर वालों को ज्यादा राशि भी देने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ताकि मौसम के प्रभाव से पकी फसल को बचाया जा सके। सिलवानी, बेगमगंज, सलामतपुर, बरेली और गैरतगंज में गरज चमक के साथ बूंदाबांदी हुई है।
सुल्तानगंज-देवरी: खेत की मिट्टी में चिपक गई मसूर
देवरी| मोहर पिपलई गांव के किसान हेमंत गंगोलिया ने खेत में पड़ी मसूर फसल को दिखाते हुए कहा आज की बारिश से 30 फीसदी तो तेज हवा में उड़ गई और शेष फसल बारिश में खेती की मिट्टी में चिपक गई। लागत भी नहीं निकल पाएगी।
सुल्तानगंज: बेरसिला में शाम छह बजे के करीब तेज आंधी तूफान के साथ चने के बराबर ओले गिरने लगे तो गांव के बुजुर्ग और महिलाओं ने ओलों को बरकाने के लिए अपने घरों के तवों को आंगन में फैंक दिए।
जिले में फसल का रकबा
4 .28 लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी।
2.80 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी।
1.60 लाख हेक्टेयर में चना की बोवनी।
इस बोवनी में 30 प्रतिशत फसल से ज्यादा कट चुकी है और लगभग 70 प्रतिशत फसल अभी खेतों में खड़ी है।
देवनगर: बारिश से बचाने तिरपाल से ढंकी फसल
मौसम बिगड़ने का अहसास होते ही किसान अपने-अपने खेतों की ओर दौड़ पड़े। खेताें में कटी रखी फसल को बारिश से बचाने कोई किसान तिरपाल से तो कोई पन्नी से ढांकता नजर आया। तरावली के किसान सुरेश बाबू मीणा और सबदलपुर के किसान मिटठूलाल मीणा ने बताया कि सुबह चार बजे और इसके बाद 6.30 से 7 बजे के बीच रुक-रुक कर हल्की बारिश हुई है।
तेज हवा से फसल आड़ी हो गई है। पकी फसल पर बारिश का पानी लगने से गेहूं की चमक कम हो जाएगी। गेहूं में पानी लगने से चमक कम होने से उसके रेट 200 से 300 रु. तक घट जाएंगे, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। महेश्वरी के किसान विजय सिंह दांगी और तरावली के किसान हीरालाल कुशवाह का कहना है कि अब बारिश ठीक नहीं है, क्योंकि 8-10 दिन में फसल कटने की स्थिति में है। तेज बारिश हुई तो किसान कहीं का नहीं बचेगा।
एक्सपर्ट व्यू
गेहूं की चमक फीकी पड़ेगी जिससे किसानों को उसके उचित दाम नहीं मिलेंगे
कृषि विभाग के सहायक संचालक जितेंद्र नामदेव ने बताया कि तेज हवा के साथ बारिश होती है तो फसलों को ज्यादा नुकसान होता है। जो फसल पक चुकी है और उस पर बारिश का पानी पड़ गया है तो उस गेहूं की चमक अब कम हो जाएगी, जिससे उसमें दामों पर भी अंतर आएगा। गेहूं की चमक के आधार पर ही उसके अच्छे रेट मिलते हैं। इस समय हवा और बारिश फसलों के लिए किसी भी दृष्टि से ठीक नहीं है।
आगे क्याः बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना
सीहोर विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि आने वाले 24 घंटे के भीतर तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। इस दौरान 10 से 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी। मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण आया है।