एमपीडब्ल्यूएलसी की संयुक्त भागीदारी योजना के तहत गुरुवार को कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में निजी वेयरहाउस संचालकों की बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रखी गई। बैठक में कलेक्टर भार्गव ने कहा कि किसानों को उनके ग्रामों के निकट उपार्जन केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा संयुक्त भागीदारी योजना के तहत अनुबंधित निजी वेयरहाउस संचालकों को रबी विपणन वर्ष 2021- 22 से उपार्जन कार्य दिए जाने का निर्णय लिया गया है। अनुबंधित निजी वेयरहाउस संचालकों के लिए मापदंड तय किए गए हैं। जिसके तहत वेयरहाउस की रिक्त क्षमता 3000 मिट्रिक टन या उससे अधिक होनी चाहिए। वेयरहाउस के संचालन के लिए वैध लायसेंस, एमपीडब्ल्यूएलसी द्वारा संयुक्त भागीदारी योजना के तहत अनुबंधित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेयरहाउस में गत वर्ष का समर्थन मूल्य पर उपार्जित उपज या किसी अन्य प्राइवेट व्यक्ति द्वारा जमा कराया गया स्कंध भंडारित नहीं होने वाले वेयरहाउस संचालकों को उपार्जन का कार्य देने में प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी ज्योति जैन, जिला वेयरहाउस प्रबंधक श्हिण्डोलिया, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक एनयू सिद्दीकी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान वेयर हाउस एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र बघेल सहित सभी गोडाउन संचालक मौजूद रहे।
उपार्जन कार्य के लिए होगी वेयरहाउस की चयन प्रक्रिया
वेयरहाउस संचालकों द्वारा कलेक्टर को उपार्जन कार्य के लिए निर्धारित आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन करना होगा। गोदाम स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन एवं उपार्जन के लिए उपयुक्त की जांच अनुविभाग स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। वेयरहाउस संचालक द्वारा जिन वेयरहाउसों पर उपार्जन कार्य करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा, उस क्षेत्र में वर्तमान में उपलब्ध सहकारी संस्थाओं की पात्रता और कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। सहकारी संस्था अपात्र होने या उपार्जन में अनियमितता पाए जाने पर गोदाम संचालकों को कार्य दिया जाएगा।
वेयरहाउस में खरीदी केन्द्र के लिए ये व्यवस्थाएं जरूरी
बैठक में जानकारी दी गई कि वेयरहाउस परिसर में धर्मकांटा, लाईट, किसानों के लिए बैठक व्यवस्था, पेयजल और शौचालय की सुविधा होनी चाहिए। वेयरहाउस तक पहुंच मार्ग होना चाहिए। इसी प्रकार वेयरहाउस संचालक के पास उपयुक्त कार्यालय, कम्प्यूटर्स, वित्तीय प्रबंधन हेतु व्यवस्था और उपार्जन कार्य के लिए मानव संसाधन होना चाहिए। वेयरहाउस परिसर में वाहनों की पार्किंग एवं उपार्जन के लिए वेयरहाउस में लगा हुआ न्यूनतम एक एकड़ खुला स्थान उपलब्ध होना चाहिए।
वेयरहाउस के अंदर नहीं होगा तुलाई कार्य
शासन के निर्देशानुसार किसान द्वारा लाई गई तौल वेयरहाउस परिसर में की जाएगी। तौल वेयरहाउस के अंदर कदापि नहीं की जाएगी। उपज की तौल एवं पैकिंग 50 किलो की भरती में की जाएगी। उपज की तौल के बाद स्कंध को छोटे वाहनों में लोड कर धर्मकांटे पर तौल उपरांत वेयरहाउस में जमा कराया जाएगा। धर्मकांटें में उपज की तौल में पाई गई मात्रा अनुसार ही स्वीकृति पत्रक, भण्डारण में मात्रा मान्य होगी।
संचालकों को विभाग की ओर से दी जाएंगी सुविधाएं
बैठक में जानकारी दी गई कि विभाग द्वारा वेयरहाउस संचालकों को उपार्जन के दौरान सुविधाएं प्रदान की जाएगी। जिसमें उपार्जन अवधि के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर का मानदेय, निर्धारित दरों के अनुसार वेयरहाउस संचालक को कमीशन एवं मण्डी लेबर चार्जेस का भुगतदान, गोदाम में स्टेकिंग, स्कंध की शिफ्टिंग और हेण्डलिंग व्यय सहित निर्धारित राशि का भुगतान सीधे वेयरहाउस संचालकों को उनके बैंक खाते में उपार्जन नीति अनुसार साप्ताहिक रूप से किया जाएगा