25 फरवरी तक 1.34 लाख पंजीयन हुए, जो बीते साल से 25 हजार अधिक हैं
जिले में इस बार गेहूं खरीदी को लेकर नई व्यवस्था भी की जा रही है। इसके तहत सहकारी समितियों की तर्ज पर निजी वेयर हाउस संचालक भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तय मापदंडों के तहत उपज की खरीदी कर सकेंगे। जबकि अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर शासन द्वारा अधिकतर खरीदी सहकारी समितियों के माध्यम से कराई जाती है। ऐसा इसलिए की सहकारी समितियों का जिले भर नेटवर्क और संसाधन मौजूद हैं। लेकिन बीते सालों से हर बार खरीदी के ठीक पहले सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल, परिवहन और भंडारण की समस्या को देखते हुए शासन ने इस तरह का निर्णय लिया है।
प्रति क्विंटल उपज खरीदी के लिए जो कमीशन सहकारी समितियों को दिया जाता है, वहीं कमिशन वेयर हाउस संचालकों को भी मिल पाएगा। अभी तक अधिकतर खरीदी सहकारी समितियों द्वारा ही कराई जा जाती रही है। जिले में बीते साल 157 केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की गई थी। इनमें से अधिकतर का संचालन सहकारी समितियों द्वारा ही किया जाता रहा है। इन केंद्रों पर उपज की तुलाई, तुलाई के बाद उपज को बोरियों में भरकर रखना शामिल हैं। इसके बाद खरीदी गई उपज को इन केंद्रों से जिला आपूर्ति निगम द्वारा परिवहन करवाकर गोडाउन में भंडारण के लिए पहुंचा दी जाती है। खरीदी गई उपज का भंडारण भी एक बड़ा इश्यू होता है। इन सब को देखते हुए निजी वेयर हाउस संचालक को भी खरीदी के लिए अनुमतियां दी जाएंगी। इससे भंडारण आसान हो जाएगा।
जिले में यह उपज भंडारण का गणित
जिले में बीते साल 6 लाख 28 हजार टन गेहूं और 62000 टन चने की खरीदी की गई थी। खरीदी गई उपज का भंडारण जिले में ही कराया गया है। अधिकतर वेयर हाउस बीती साल की उपज से ही भरे हुए हैं। जिले में महज 1 लाख 38 हजार टन क्षमता के ही गोडाउन और वेयर हाउस खाली हैं, जबकि इस बार 7 लाख टन से अधिक उपज की खरीदी की संभावना बन रही है। जिले में बन रही नई गोडाउन और वेयर हाउस पर पूरी उम्मीद टिकी हुई है। ऐसा इसलिए की इस बार जिले में 6.74 टन क्षमता के नए गोडाउन का निर्माण निजी स्तर पर किया जा रहा है।
तीन बार ही करेंगे एसएमएस
किसानों को अपनी उपज की तुलाई करने के लिए इस तीन बार ही एसएमएस किया जाएगा। इसके बाद भी वे अपनी उपज तुलवाने के लिए खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंचते तो उसके बाद वे उपज नहीं तुलवा पाएंगे। हालांकि, एक बार किए गए एसएमएस की वैधता 7 दिनों तक रहेगी। इस तरह से तीन एसएमएस से किसानों को अपनी उपज तुलवाने के लिए एक बार के एसएमएस के लिए 7 दिन यानी 21 दिनों का समय मिलेगा।
पंजीयन की तारीख 5 मार्च
जिले में पहले 25 फरवरी तक किसानों के पंजीयन किए गए हैं। छूटे हुए किसानों को पंजीयन के लिए एक बार मौका देने के लिए 3 से 5 मार्च तक फिर से पंजीयन के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। ऐसे किसान जो सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल और साइट बंद होने के कारण अपना पंजीयन नहीं करा पाए वे अब पंजीयन केंद्रों पर 5 मार्च तक पंजीयन करा पाएंगे। इससे पहले 25 मार्च तक जिले में किसानों द्वारा 1 लाख 33हजार 929 पंजीयन कराए जा चुके थे। जो बीते साल 1 लाख 9 हजार की तुलना में 24 हजार 929 अधिक हैं। इनमें गेहूं के लिए 83 हजार 729, चने के लिए 39 हजार 625, मसूर के लिए 10 हजार 539 पंजीयन कराए गए हैं। पंजीयन बढ़ने की वजह गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 और चने का 5100 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
चल रही खरीदी की तैयारी
^जिले में एमएसपी पर उपज की खरीदी की तैयारी चल रही है। इस बार निजी वेयर संचालक भी शर्तों के तहत उपज खरीद कर पाएंगे। वहीं पंजीयन के लिए किसानों को 3 दिन और मौका दिया गया है। छूटे हुए किसान 3 से 5 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं।
-उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर, रायसेन