नया टैक्स नहीं लगाने को आम लोगों के लिए राहतभर बताया
शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का पहला बजट विधानसभा में मंगलवार को पेश हो गया। बजट पर दैनिक भास्कर की एक्सपर्ट पैनल ने राय दी है। उनका कहना है कि बजट संतुलित है, लेकिन महंगाई को लेकर सरकार कोई क्रांतिकारी कदम नहीं उठा सकी। महंगाई कंट्रोल करने के लिए वैट घटना था लेकिन कोरोना काल में आर्थिक कम टूटने के कारण सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है। इसी तरह बेरोजगारी दूर करने के लिए भी ठोस प्रयास नहीं दिख रहे हैं। नई इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उद्योग नीति में व्यापक बदलाव जरूरी था जो नहीं किया गया।
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इंडस्ट्री के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने कदम उठाने की उम्मीद थी: आरएस गोस्वामी
फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रदेश अध्यक्ष आरएस गोस्वामी ने कहा कि इंडस्ट्री के इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के प्रावधान की उम्मीद थी, लेकिन बजट में इसका प्रावधान नहीं है। बजट में वोकल फॉर लोकल का जिक्र है। इसमें स्थानीय इंडस्ट्री से खरीदी का आश्वासन दिया गया है। यह अच्छी बात है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं, 4500 मेगावाट सोलर एनर्जी जनरेशन का प्रावधान से भी बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। बिजली कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से बिजलों की दरों में कमी आने की उम्मीद है। सरकार ने कोरोना काल में टैक्स नहीं बढ़ाया और ना ही स्टांप ड्यूटी में बढ़ोतरी की है। यह संतोष की बात है।
जीडीपी कम होना तय, सरकार की आय घटेगी : आरएस तिवारी
अर्थशास्त्री आरएस तिवारी के मुताबिक बजट संतुलित है। करीब-करीब सभी क्षेत्रों और लोगों को बजट में सम्मिलित कर लिया गया है। फिर भी मध्यप्रदेश में बड़े उद्योग स्थापित करने के लिए निवेश कर्ताओं के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया, जिससे लोग आकर्षित होकर मध्यप्रदेश में आए। सरकार को इसके लिए कदम उठाना था। सरकार ने पेंशन नीति बदल दी है। आने वाले दिनों में सरकार के स्थापना व्यय पर असर दिखेगा। कह सकते हैं कि सरकार वेतन का खर्चा कम करने के लिए ही कई क्षेत्रों में निजीकरण कर रही है।
वहीं, महंगाई घटाने का सरकार के पास केवल एक तरीका वैट घटाना था। राहत यह है कि न कोई नया कर लगाया गया और ना पुरानी दर बढ़ाई है। सरकार ने रोजगार के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया है। हालांकि इससे बेरोजगारी की समस्या पूरी तरह हल होने की संभावना नहीं है। इसकी वजह यह है कि बजट में अलग से योजना नहीं है।
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उद्योगों के लिए कोई अच्छी बात नहीं दिखी : महेश गुप्ता
लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि बजट में उद्योगों के लिए कोई अच्छी बात नहीं दिखी है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उद्योगों के लिए चिह्नित भूमि के डेवलपमेंट के लिए भी कोई राशि का जिक्र नहीं है। दूसरा उद्योगों के निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन राशि के लिए 1437 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। यह राशि सूक्ष्म एवं लघु और मध्यम उद्योग के लिए अलग-अलग होना था।
अभी बड़े उद्योग ही ज्यादा राशि ले जाते हैं, जबकि सूक्ष्म एवं लघु उद्योग राजस्व और रोजगार दोनों ज्यादा देते हैं। उनको ज्यादा राशि मिलनी चाहिए। गोस्वामी ने कहा कि हम 10 साल से सिंगल विंडो व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे हैं, जो इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए लाभकारी होगी, लेकिन आज तक इसके बारे में कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं की गई।
पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम होने की उम्मीद थी: राजेश कुमार जैन
भोपाल के चार्टर्ड अकाउंटेड (सीए) राजेश कुमार जैन ने कहा कि बजट में टैक्स में कोई संशोधन नहीं किया गया है। कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। कोरोना काल में सरकार को राजस्व कम मिला है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि नया टैक्स बढ़ाएंगे, लेकिन नहीं बढ़ाया गया। यह अच्छी बात है। इसके अलावा सरकार से पश्चिम बंगाल की सरकार के अनुसार पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपए कम करने के निर्णय के अनुसार मध्यप्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करने की उम्मीद थी क्योंकि मध्यप्रदेश में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर सबसे ज्यादा वैट है।
वहीं, सरकार ने दिसंबर 2020 में स्टांप ड्यूटी में दो प्रतिशत की छूट दी थी। उम्मीद थी कि सरकार बजट में छूट को दोबारा लागू करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सरकार का बजट वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ठीक है। सरकार ने जहां जरूरत थी। वहां पैसाें की व्यवस्था की गई।