कृषि कानूनों के खिलाफ 73 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को 3 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़ देशभर में चक्काजाम किया। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किए गए जाम का सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दिखा। वैसे तो यह जाम शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसके खत्म होने के बाद किसान नेताओं की आपसी फूट सामने आ गई।
40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल का रात 9 बजे बयान आता है कि राकेश टिकैत को यह निजी तौर पर लगा होगा कि UP और उत्तराखंड में हिंसा हो सकती है। मुझे लगता है कि बयान देने से पहले उन्हें (टिकैत को) हमसे बात करनी चाहिए थी। उन्होंने जल्दबाजी में बयान दे दिया।
दर्शनपाल ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को चक्काजाम से अलग रखने का ऐलान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ही किया था।
'कृषि मंत्री ने संसद में किसानों का अपमान किया'
चक्काजाम के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कृषि मंत्री के बयान पर भी आपत्ति जताई गई। इसमें कहा गया कि 'कृषि मंत्री ने शुक्रवार को संसद में किसानों को अपमानित करने वाला बयान दिया। उनका यह कहना गलत था कि सिर्फ एक राज्य के किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। शनिवार के चक्काजाम से एक बार फिर साबित हो गया कि देशभर के किसान एकजुट हैं।'
26 जनवरी की हिंसा में शामिल 24 लोगों की तस्वीरें जारी
दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा में शामिल 24 और लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। आरोप है कि इन लोगों ने लाल किले की ओर जाते वक्त बुराड़ी रिंग रोड और उसके आसपास तोड़फोड़ की थी। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने इनकी पहचान की है।
जयपुर में प्रदर्शन में शामिल हुए कांग्रेसी आधे घंटे ही टिक पाए
देशभर में किसानों के चक्काजाम का कांग्रेस ने न सिर्फ समर्थन किया, बल्कि कई जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद भी प्रदर्शन में शामिल हुए। ये अलग बात है कि जयपुर में अजमेर और टोंक बाइपास पर चक्काजाम में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धूप बर्दाश्त नहीं हुई और वे आधे घंटे में ही लौट गए।
जयपुर शहर के अंदर प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर खड़े कर सड़कें रोक दीं। जाम का समय 3 घंटे था, लेकिन ट्रैफिक नॉर्मल होने में 4 घंटे से भी ज्यादा समय लग गया।
जयपुर शहर के अंदर प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर खड़े कर सड़कें रोक दीं। जाम का समय 3 घंटे था, लेकिन ट्रैफिक नॉर्मल होने में 4 घंटे से भी ज्यादा समय लग गया।
टिकैत ने कहा- सरकार को 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान नेताओं के तेवर लगातार तल्ख बने हुए हैं। शनिवार को चक्काजाम खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'दबाव में सरकार से बात नहीं करेंगे। सरकार को कानून वापसी के लिए 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है। उसके बाद आगे की स्ट्रैटजी बनाएंगे। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक किसान घर नहीं लौटेंगे।'
शरद पवार बोले- PM आगे आएं तो हल निकल सकता है
किसान आंदोलन के मुद्दे पर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और नितिन गडकरी (परिवहन मंत्री) जैसे सीनियर नेता किसानों से बातचीत के लिए आगे आएं तो हल निकल सकता है। अगर सीनियर लीडर पहल करते हैं तो किसान नेताओं को भी उनके साथ बैठना होगा।
पवार ने सचिन तेंदुलकर को नसीहत दी
किसानों के मुद्दे पर सेलेब्रिटीज के बयानों को लेकर पवार ने सचिन तेंदुलकर को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि देश के सेलेब्रिटीज जो स्टैंड लेते हैं, उस पर बहुत से लोग तेजी से रिएक्ट करते हैं। इसलिए सचिन तेंदुलकर को सलाह दूंगा कि उन्हें किसी दूसरे फील्ड के बारे में बोलने से पहले सतर्क रहना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के CM बोले- सरकार डकैतों जैसे तरीके अपना रही
किसानों के चक्काजाम के बीच कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने किसान आंदोलन वाले पॉइंट्स पर मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने और कीलें लगाने पर कहा कि सरकार डकैतों जैसे तरीके अपना रही है।
बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने खुद ही किसानों के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बना दिया, क्योंकि किसानों के समर्थन में ग्लोबल सेलेब्रिटीज के बयानों पर रिएक्शन देकर सरकार उन्हें बढ़ावा दे रही है। बघेल ने यह भी कहा कि जल्द हल नहीं निकला तो किसान आंदोलन पूरे देश में फैल जाएगा।
3 राज्यों में जाम का सबसे ज्यादा असर रहा
राजस्थान: प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाईवे जाम कर दिए। दिल्ली-जयपुर हाईवे 4 घंटे तक पूरी तरह बंद रहा, क्योंकि शाहजहांपुर बॉर्डर से गुजरने वाली रोड पर किसानों ने सुबह 11 बजे ही जाम लगा दिया था। वहीं जयपुर शहर में जाम लगाने के लिए सड़कों पर ट्रैक्टर खड़े किए, तो अलवर में पत्थर और कंटीली झाड़ियां डालकर सड़कें रोक दीं। कोटा में ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया।
राजस्थान में चक्काजाम का पूरा कवरेज यहां पढ़ें
हरियाणा: किसानों के जाम को देखते हुए एहतियातन स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। राज्य के 5 जिलों में चक्काजाम का असर सबसे ज्यादा रहा। भिवानी जिले में कितलाना टोल प्लाजा समेत 15 जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं। हिसार में नेशनल और स्टेट हाईवे तो जाम किए ही, साथ ही गांवों को जोड़ने वाली सड़कें भी रोक दीं। जींद जिले में जींद-चंडीगढ़ रोड समेत 15 जगहों पर किसानों ने जाम लगाया। यमुनानगर में 12 जगहों में इसका असर दिखा। कैथल जिले के कलायत में नेशनल हाईवे पर 3 घंटे आवाजाही बंद रही तो गुहला चीका में कैथल रोड पर जाम का असर ज्यादा देखा गया।