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तापमान:7.50 तापमान में ट्रैक्टर-ट्राॅलियों पर रात गुजार रहे किसान, अब और गिरेगा पारा

www.bhasker.com | 24-Dec-2020
कृषि उपज मंडी में धान बेचने के लिए आने वाले किसानों को रात में 7.5 डिग्री तापमान के बीच रात गुजारना पड़ रही है। कंपकंपा देने वाली सर्दी के बीच किसान आग जला कर ठंड से बचने की नाकाफी कोशिश करते हैं। कुछ किसान अपने साथ लाए कंबल और रजाई औढ़ कर ट्राली के नीचे सो रहे हैं। किसानों को ठंड से बचाने नगर पालिक ...

newwsकृषि उपज मंडी में धान बेचने के लिए आने वाले किसानों को रात में 7.5 डिग्री तापमान के बीच रात गुजारना पड़ रही है। कंपकंपा देने वाली सर्दी के बीच किसान आग जला कर ठंड से बचने की नाकाफी कोशिश करते हैं। कुछ किसान अपने साथ लाए कंबल और रजाई औढ़ कर ट्राली के नीचे सो रहे हैं। किसानों को ठंड से बचाने नगर पालिका ने लकड़ी अब तक उपलब्ध नहीं कराई है, ऐसी स्थिति में किसान कचरा जलाकर ही ठंड से अपना बचाव कर रहे है। रायसेन कृषि उपज मंडी में रोजाना 300 से 350 ट्रालियों में धान आ रही है। ऐसे ही किसान मंगलवार की शाम को ही अपने ट्रालियां लेकर आ गए थे, जो रात भर दशहरा मैदान पर ट्रालियों में ठिठुरते रहे। कुछ किसान को रेट को लेकर अपनी ट्राली कैंसिल तक करा लेते है, ऐसी स्थिति में दो रात यहां पर रुकना पड़ रहा है।

अब पूर्व से चलेंगी 4 से 8 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं, रात का पारा गिरेगा, दिन में बढे़गा
रात का पारा 10 डिग्री से नीचे ही बना हुआ है। मंगलवार-बुधवार की रात में पारा एक डिग्री बढ़कर 7.5 डिग्री पर पहुंच गया, जबकि दिन का पारा 26 डिग्री रहा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर की माने तो आने वाले 24 घंटे में अब पूर्वी हवाएं चलेंगी, जिनकी गति 4 से 8 किमी प्रति घंटा रहेगी, जिससे रात के पारे में गिरावट आने की संभावना है ।

सर्दी तो बहुत है, पर कचरा-लकड़ी जलाकर किसी तरह रात गुजार ली
दशहरा मैदान पर ट्राली पर मौजूद महुआखेडा के किसान कमल सिंह ने बताया कि रात भर कंपकंपा देने वाली सर्दी का सामना ट्राली पर ही किया। ठंड से बचने के लिए किसानों ने कचरा और लकड़ी एकत्रित कर आग जला ली थी, उसकी गर्मी पाकर किसी तरह से रात गुजर गई। ऐसा ही कहना जमुनिया कला गांव के किसान हिम्मत सिंह का था। उसने बताया कि मंगलवार को धान के रेट कम मिलने पर उसने अपनी धान नहीं बेची थी, इस कारण उसे यहां पर दो रात गुजारना पड़ी ।

कई किसान भाव को लेकर कैंसिल करा लेते हैं नीलामी
^मंडी में अब 300 के करीब ट्रालियां आ रही है, वैसे तो सभी ट्रालियों की धान की नीलामी हो जाती है, लेकिन कुछ किसान रेट को लेकर अपनी नीलामी को कैंसिल करा लेते है । इस कारण कुछ किसानों को दो दिन तक धान बिकने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
- करुणेश तिवारी मंडी, सचिव रायसेन